दिल के जज़्बात मेरे अल्फ़ाज़
हर दिल कभी न कभी किसी न किसी से टूट कर मुहब्बत करता है, हर दिल कभी न कभी मुहब्बत में टूट कर बिखरता है, हर दिल मुहब्बत के दर्द को महसूस करता है पर हर कोई अपने जज़्बातो को अल्फ़ाज़ों में बयान कर नहीं पाता , हर मुहब्बत में धड़कते दिल के जज़्बात मेरे अल्फ़ाज़ में पिरो कर आपकी नज़र करती हूँ यकीनन ये प्यार का दर्द आपके भी दिल को छु लेगा आपको भी महसूस होगा हर मुहब्बत से भरे दिल का दर्द , आपके दिल को सुकून पहुंचाने की मेरी कोशिश में पेश हे आपकी खिदमत में नगमा-ऐ-मुहब्बत |
ये पढ़ कर आपको भी जरूर एहसास होगा ये, तो मेरी ही आप बीती है ऐसा आभास होगा! ये पढ़ कर आप भी कर सकेंगे महसूस दर्द किसी का वो दर्द जो कभी आपके भी दिल ने सहा होगा |
करोगे आप भी यक़ीनन इस बात पे विश्वास जो टूटते हैं मुहब्बत में वो दिल होते हैं खास, मुहब्बत की कहानी हमेशा पूरी नहीं होती बिछड़ कर भी कुछ दास्तानें मगर अधूरी नहीं होती , बन जाते हैं वो भी मिसाल-ऐ -मुहब्बत जो मिल कर भी नहीं मिलते, हो जाते हैं फना मुहब्बत की राहों में मगर जुदा होकर जो जी नहीं सकते, सुना तो होगा नाम तुमने भी लैला+मजनू और हीर+रांझे का जो मिलकर भी ना मिले और जुदा होकर भी जुदा ना हुए , सह गए हर जुल्म-ओ -सितम वो जमाने का मिट गए लेकिन बेवफा ना हुए |
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